ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
मथूरा: यूपी के मथुरा के जवाहरबाग में सरकारी जमीन पर तीन साल से अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों को हटाने गई पुलिस पर हुए फायरिंग में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की भी मौत हो गई है। उनको सिर में गोली थी। काफी कोशिशों के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका।
इस घटना में एसएचओ संतोष कुमार यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। इस बवाल में अभी तक 21 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यहां से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस ने अभी तक 47 पिस्टल और पांच राइफल बरामद किए हैं।
वहीं, सूत्रोंं की माने तो जवाहरबाग में हथियारों और देशी बम बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। फैक्ट्री में रायफल, SBBL और भारी संख्या में तमंचे भी बना रहे थे। देशी बमों का जखीरा भी बरामद हुआ।
साथ ही नक्सली संगठन के लाेगों का जमवाड़ा होने का शक भ्ाी है। आग लिटरेचर, कागजात और असलहों को पुलिस के हाथ में आने से बचाने के लिये लगाई थी।
Spoke to UP CM Shri@yadavakhilesh and reviewed the situation in Mathura. I have also assured him of all possible help from the Centre.— Rajnath Singh (@BJPRajnathSingh) June 3, 2016
वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम अखिलेश यादव से फोन पर बात कर मथुरा में हुई हिंसा पर चर्चा की और मदद का प्रस्ताव भी दिया।
#UPCM instructs PS Home & DGP to personally inspect Mathura at the earliest and take stock of the situation.— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) June 3, 2016
सीएम अखिलेश यादव ने जांच के आदेश दिये।
Huge cache of arms recovered in Mathura 45 arms of 315 bore, two 12 bore one factory made 315 bore rifle, one 12 bore rifle, four 315 bore— Javeed (@javeeddgpup)June 3, 2016
UPP police lost two brave officers today in the line of duty. My salutations to them. We shall always remember their supreme sacrifice— Javeed (@javeeddgpup)June 2, 2016
वहीं, उत्तर प्रदेश के गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा और डीजीपी जावीद अहमद स्थिति का जायजा लेने के लिए मथुरा पहुंच गए हैं। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
डीजीपी जावीद अहमद ने ट्वीट करके बताया कि जवाहरबाग में बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। 315 बोर के 45 तमंचे, 12 बोर की एक राइफ बरामद हुए हैं।
जावीद अहमद ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार शाम मथुरा के जवाहरबाग़ पार्क में रामवृक्ष यादव समर्थक और पुलिस के बीच हुए हिंसक झड़प में 22 उपद्रवी मारे गए, जिनमे एक महिला भी शामिल है। मीडिया को संबोधित करते हुए जावीद अहमद ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस के दो जांबाज पुलिस अधिकारी एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ फरह संतोष यादव शहीद हो गए।
साथ ही डीजीपी जावेद अहमद ने भी रामवृक्ष यादव को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूरी वारदात के पीछे का मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव अगर जिंदा होगा तो जरुर पकड़ा जाएगा। डीजीपी के इस बयान के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि रामवृक्ष यादव यादव जिन्दा ही न हो।
इस बीच एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने बताया कि ‘पुलिस ने जवाहर बाग से भारी मात्रा में कारतूस, राइफल और पिस्तौल बरामद किया गया है। इतना ही नहीं घटनास्थल से ग्रेनेड और बारूद भी बरामद हुए हैं।
एडीजी ने बताया प्रदर्शनकारी गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने पुलिस के उकसावे के बिना ही उन पर गोलियां चला दी। उपद्रवियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट आते ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने ये जानकारी भी दी कि पुलिस कर्मियों पर हमला करने वालों की पहचान हो गई है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ये है पूरा मामला
17 जून 2011 को बाबा जयगुरुदेव आश्रम निवासी रवि, सुरेशचंद्र पर कथित सत्याग्रहियों का हमला। इनके नेता रामवृक्ष यादव निवासी रामपुर बागपुर थाना मुरगढ़ जिला गाजीपुर समेत 15 लोगों नामजद और सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ जानलेवा हमला कर बलवा, मारपीट और धमकी दिए जाने का मुकदमा दर्ज।
7 जून 2014 को जिला उद्यान अधिकारी मुकेश कुमार ने सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौज कर धमकी देने की रिपोर्ट 250 कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज कराई थी।
15 जून 2014 को ठेकेदार जयप्रकाश ने पेड़ों फल तोडऩे, काटने और जान से मारने की धमकी दिए जाने की रिपोर्ट थाना सदर बाजार में कराई थी।
24 सितंबर 2014 को जिला उद्यान अधिकारी मुकेश कुमार ने सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौज कर धमकी देने के रिपोर्ट कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज कराई थी।
2 अक्टूबर 2013 को जवाहर बाग संरक्षण अधिकारी किशन ङ्क्षसह ने गाली-गलौज करके सरकारी कार्य में बाधा डालना और सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने की रामवृक्ष समेत उनके समर्थकों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज कराई थी।
29 नवंबर 14 को जिला उद्यान अधिकारी मुकेश कुमार ने सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौज कर धमकी देने के रपोर्ट कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज कराई।
22 जनवरी 15 को थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय ने सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौज कर धमकी देने के रिपोर्ट कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज कराई थी।
15 जून 2015 को सहायक उद्यान निरीक्षक जवाहर बाग रामस्वरूप शर्मा ने बलवा करने, गाली-गलौज करने, सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने और धमकी देने की रिपोर्ट स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रही पूर्वी प्याऊ तोरी सागर मध्यप्रदेश के मुखिया रामवृक्ष यादव समेत 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
15 जून 2015 को सहायक उद्यान निरीक्षक जवाहर बाग संपत्ति निरीक्षक रामस्वरूप शर्मा ने बलवा करने, गाली-गलौज करने, सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने और धमकी देने की रिपोर्ट स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रही पूर्वी प्याऊ तोरी सागर मध्यप्रदेश के मुखिया रामवृक्ष यादव समेत 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
27 मई 15 को जवाहरबाग में तैनात कर्मचारी जगदीश प्रसाद ने रामवृक्ष यादव, चंदनबोस समेत 20 लोगों को नामजद करते हुए 100-150 लोगों के खिलाफ मारपीट कर जवाहर की संपत्ति पर कब्जा करने की रिपोर्ट थाना सदर में दर्ज कराई थी।
16 मार्च 2016 को कलेक्ट्रेट कर्मचारी देवी सिंह ने रामवृक्ष यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट करने और धमकी देने का रिपोर्ट कराई थी।
8 अप्रैल 2016 को तहसील सदर के अमीन चंद्रमोहन मीना और मोतीकुंज निवासी अजय प्रताप मीणा ने रामवृक्ष यादव, चंदन बोस समेत 250 लोगों के खिलाफ थाना सदर बाजार में बलवा करने, अपहरण करने, मारपीट करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट कराई थी। ये घटना चार अप्रैल की थी।
4 अप्रैल 2016 को अधिवक्ता राकेश कुमार ने बलवा करके तहसील परिसर में लूटपाट करने का रामवृक्ष यादव, चंदनबोस 200-250 लोगों के खिलाफ थाना सदर में मुकदमा दर्ज कराया था।
4 अप्रैल 2016 को तहसील सदर में तैनात लेखपाल नितिन चतुर्वेदी ने तहसील परिसर में घुसकर बलवा करने, लूटपाट और धमकी देने के साथ-साथ सरकारी कार्य में बाधा डालने का रामवृक्ष यादव, चंदनबोस समेत 200-250 लोगों के खिलाफ थाना सदर में मुकदमा दर्ज कराया था।
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