टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों गुजरात में हैं. राहुल गांधी राज्य के विभिन्न वर्ग के लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं. चुनावी यात्रा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने टीचर्स, प्रिंसिपल और लेक्चरॉर से मिले. इस दौरान एक लम्हा ऐसा भी आया कि एक महिला लेक्चरॉर की समस्या सुनकर राहुल गांधी बेहद भावुक हो गए और उसे गले लगा लिया. शैक्षिक वर्ग के लोगों के बीच राहुल गांधी पहुंचे और उन्होंने उनकी समस्याएं सुनीं. इस कार्यक्रम में महिला लेक्चरॉर रंजना अवस्थी भी शामिल हुई थीं. उन्होंने राहुल गांधी के सामने अपनी बदहाली की दास्तां बयां की. अपना दर्द बताते हुए संस्कृत में पीएचडी रंजना ने कहा कि 22 सालों से पार्ट टाइम लेक्चरॉर की नौकरी करने के बाद भी उनका वेतन महज 12 हजार रुपए प्रतिमाह हैरंजना ने रोते हुए राहुल गांधी के सामने अपनी तकलीफ बयां करते हुए कहा कि उन्हें मैटरनिटी लीव नहीं दी जाती है. इस लेक्चरॉर ने कहा कि सरकार 40 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन तय कर उनकी पूरी सेवा को खत्म करने की बात कह रही है. इस वजह से उन्हें पेंशन और अन्य लाभ भी नहीं देने की योजना है. रंजना अवस्थी ने कहा कि वह भी चाहती है कि अन्य लोगों की तरह वह भी पेंशन जैसी सुविधा के साथ रिटायर हो. रंजना अवस्थी की इस बात को सुन रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बेहद भावुक हो उठे. उन्होंने उसे गले लगा लिया और कहा कि यह ऐसा सवाल है, जिसका शब्दों के जरिए जवाब नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने वादा किया कि उनकी पार्टी इस मामले पर ध्यान देगी और यदि वह सत्ता आएगी तो पब्लिक एजुकेशन और हेल्थकेयर सिस्टम पर ध्यान देगी. इससे पहले यह महिला लेक्चरॉर गुजरात के सीएम विजय रूपाणी से मिलकर भी अपनी व्यथा सुना चुकी है. राज्य के डिप्टी सीएम से भी वह भी मिली, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला. वह जब कांग्रेस उपाध्यक्ष के सामने अपनी तकलीफों को बयां कर रही थी तो यह दर्द छलक पड़ा और उसकी आंखों से आसूं बह निकले. रंजना गुजरात में दस साल तक पार्ट टाइम प्रोफेसर रही और वर्ष 2006 में पार्ट टाइम टीचर्स को फुल टाइम प्रोफेसर बनाने का विज्ञापन भी सरकार ने दिया था. इसमें से करीब तीन सौ प्रोफेसर्स को पूरा वेतन नहीं दिया गया
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