
ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ: विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए 17 पिछड़ी जातियां को अनुसूचित जातियों में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया है। अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अखिलेश सरकार इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आचार संहिता लागू होने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को उपकृत कर देना चाह रहे हैं। यही वजह है कि लगातार कैबिनेट मीटिंग की जा रही है।
लखनऊ: विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए 17 पिछड़ी जातियां को अनुसूचित जातियों में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया है। अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अखिलेश सरकार इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आचार संहिता लागू होने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को उपकृत कर देना चाह रहे हैं। यही वजह है कि लगातार कैबिनेट मीटिंग की जा रही है।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग में 74 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में 30 से ज्यादा महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। अखिलेश कैबिनेट ने 17 जातियों को एससी में शामिल करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई।
आज यूपी कैबिनेट ने 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि इस फैसले का बसपा की तरफ से कड़ा विरोध किया जा सकता है। अखिलेश कैबिनेट ने कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, बाथम, गाेड़, बिंद, भर, मांझी, मछुआरा, राजभर, धीवर, गोडिया और मछुआ को अनुसूचित जातियों में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने विकास का काम किया है। काम में समाजवादियों का कोई मुकाबला नहीं है।
इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
- 22000 करोड़ की लागत से लखनऊ गाजीपुर एक्सप्रेस वे
- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को बनाने का काम यूपीडा को सौंपा गया
- अक्षय पात्र को आठ जिलों में लीज पर जमीन
- प्रति किचन के लिए 14 करोड़ राज्य सरकार
- रायबरेली में नसीराबाद को नगर पंचायत का दर्जा
- हमीरपुर के सुमरेपुर का होगा सीमा विस्तार
प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण में अहीर, यादव, यदुवंशी, ग्वाला के साथ भुर्तिया जाति को भी जोड़ने का फैसला किया है। बता दें कि यूपी की तमाम पिछड़ी जातियों की तरफ से ऐसी मांग आती रही है। हालांकि इसको लेकर विवाद भी रहा है, क्योंकि जो जातियां पहले से अनुसूचित जाति के दायरे में उन्हें इससे दिक्कत महसूस होती है. यह इसलिए कि 17 नई जातियों के शामिल होने से अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाला कोटा अब ज्यादा जातियों में बंट जाएगा।
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