Monday, May 15, 2017

छाती पीटी, गवर्नर पर गिरते कागज के गोलों के बीच विधानसभा में हंगामे का जीवंत प्रसारण


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ . यूपी की सत्रहवी विधानसभा के पहले दिन हुयी घटनाओं ने विधान सभा के इतिहास में कई नए पन्ने जोड़े. पहली बार सदन की कार्यवाही का दूरदर्शन ने जीवंत प्रसारण किया , साथ ही साथ पहली बात सदन में विपक्ष ने अपना विरोध लगातार सीटियाँ बजाते हुए किया.

प्लास्टिक पर बने बैनर के टूकडे गोलों की शक्ल में राज्यपाल की तरह लगातार आते रहे और उनके एडीसी और विधान सभा के मार्शल हांथो में दफ्तियाँ टेनिस रैकेट की तरह इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल को बचाते रहे.

विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल राम नाईक भी डटे रहे और विचलित हुए बिना अपना पूरा अभिभाषण पढ़ते रहे. हालाकि राज्यपाल का कहा एक भी शब्द सुनाई नहीं दे रहा था मगर भाजपा के विधायक समय समय पर मेंजें थपथपाते हुए उनका समर्थन कर रहे थे.

क्या कर रहे थे दिग्गज बीते कई सालों से विपक्ष में रही भाजपा आज सत्ता पक्ष में थी और कुछ महीनो पहले तक सत्ताधारी समाजवादी पार्टी विपक्ष की भूमिका में. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हालाकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पीछे रहे मगर उनके चेहरे पर मुस्कराहट लगातार बनी रही. समय समय पर अखिलेश यादव अपने विधायको को उकसाते रहे और कभी कभी हेडफोन लगा कर राज्यपाल की बातें भी सुनते रहे. पहली बार यूपी की विधानसभा में पहुंचे नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर शुरू में मुस्कराहट आई मगर थोड़ी ही देर में वे असहज हो गए. योगी का चेहरा तमतमा रहा था और उनके सीट के आगे सपा विधायको ने हंगामा काट रखा था. सपा की अगुवाई में हो रहे इस प्रदर्शन में बसपा और कांग्रेस भी शामिल रही. बाहुबली मुख़्तार अंसारी अपने हाँथ में बैनर लिए चुपचाप खड़े थे और कभी पिछली सरकार का बचाव करने वाले अम्बिका चौधरी भी शांत रहे और सदन में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए विरोध की अगुवाई करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या बतौर मंत्री ख़ामोशी से पूरे हंगामे को देखते रहे. राज्यपाल जी आँखे खोलो, अपराध बढ़ रहे कुछ तो बोलो हंगामा कर रहे विधायको के हांथो में बैनर थे जिनपर सरकार विरोधी नारे लिखे हुए थे. नारों का निशाना सरकार के साथ साथ राज्यपाल पर भी था. " राज्यपाल जी आँखे खोलो, अपराध बढ़ रहे कुछ तो बोलो" का नारा सबसे तेज लग रहा था. विपक्ष समाजवादी सरकार के दौर में कानून व्यवस्था पर लगातार टिप्पणियां करते रहे राज्यपाल को पुरानी बातें याद दिला रहा था. "भगवा ब्रिगेड की गुंडागर्दी नहीं चलेगी नहीं चलेगी" के नारों के साथ किसानो की कर्ज माफ़ी और समाजवादी पेंशन के बंदी का मामला भी विपक्ष ने जोर शोर से उठाया.
सीटी बजाई, छाती पीटी, गवर्नर पर गिरते कागज के गोलों के बीच विधानसभा का जीवंत प्रसारण
युवा विधायको में थी उत्सुकता सदन में पहली बार बड़ी संख्या में पहुंचे युवा विधायक उत्सुकता से सारी कार्यवाही देख रहे थे. स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री स्वाति सिंह इस हंगामे से निराश दिखी तो रायबरेली से पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुन कर आई अदिति सिंह बाल सुलभ उत्सुकता से इस हंगामे को देख रही थी. कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्र मोना अदिति की मेंटोर की भूमिका में थी. बरकार रही राष्ट्रगान की गरिमा राज्यपाल के पहुचने के साथ ही शुरू हुआ हंगामा उनके अभिभाषण के ख़त्म होने तक चलता रहा. मगर सबसे सुखद पहलू था अभिभाषण ख़त्म होने के बाद राष्ट्रगान की घोषणा. हंगामा कर रहे विधायको ने राष्ट्रगान की गरिमा बरक़रार रखी और जैसे ही राष्ट्रगान शुरू हुआ , नारे लगाते विधायक सावधान की मुद्रा में आ गए. पूरे सदन में सिर्फ जनगण मन की गूँज थी और जैसे ही राष्ट्रगान समाप्त हुआ सरकार के खिलाफ फिर से नारे बाजी उसी लय में शुरू हो गयी. क्या कहते हैं नेता "समूचा उत्तर प्रदेश आपको देख रहा है, विधायकों का सदन में यह व्यवहार उचित नहीं है." – राज्यपाल क़ानून व्यवस्था ध्वस्त होने,दंगो का जवाब मांग रहे थे, किसानों के परेशान होने का नहीं मिला जवाब, जवाब न मिलने पर राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया - राम गोविंद चौधरी , नेता प्रतिपक्ष प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की हालत खराब-अजय कुमार लल्लू , नेता कांग्रेस राज्यपाल के अभिभाषण में अहम मुद्दों को दरकिनार किया इस लिए राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया. सरकार ने प्रदेश में जातीय संघर्ष कराया,प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त. पुलिस थानों को भगवा धारी चला रहे हैं,पुलिस कर्मी और उसका परिवार भी सुरक्षित नहीं,हमने सदन में कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की, मांगें न माने जाने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया' – लाल जी वर्मा, नेता बसपा


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