Monday, May 15, 2017

युवक की किडनी चोरी मामले में जांच शुुुुरू , तीन डॉक्टरों पर केस

Case against three doctors in Kidney theft of youth


ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
बाराबंकी कोठी क्षेत्र के भवानी गांव निवासी युवक ने खुद की किडनी चोरी करने का आरोप लगाते हुए केजीएमयू लखनऊ के दो नामजद व जिला अस्पताल के एक अज्ञात चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि इलाज कराने के बहाने चिकित्सकों ने एक किडनी निकाल ली। एसपी के आदेश पर हरकत में आई कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है। 
कोठी थाना क्षेत्र के पूरे भवानी गांव निवासी पृथ्वीराज (23) ने शनिवार को एसपी को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि फरवरी 2015 में वह पेट में दर्द होने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल आए थे। यहां पर एक चिकित्सक ने देखने के बाद कहा कि आंत फट गई है, इसका लखनऊ मेडिकल कॉलेज में इलाज होगा। इसके बाद पृथ्वीराज को लखनऊ केजीएमयू रेफर कर दिया गया।

आरोप है कि केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. आनंद मिश्रा व डॉ संदीप तिवारी ने उसके पेट का ऑपरेशन किया और 20 मार्च 2015 को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।इसके बाद पेट में परेशानी बढ़ने के बाद पृथवीराज कई बार लखनऊ गया और ऑपरेशन करने वाले चिकित्सकों से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच 22 अप्रैल को पृथ्वीराज ने जब जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाया तो पता लगा कि इनके शरीर की दाहिनी किडनी गायब है। इस मामले की जानकारी के बाद पीड़ित के होश उड़ गए।पीड़ित का कहना है कि वह बीते एक माह से इन चिकित्सकों के चक्कर लगा रहा था लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी तो पुलिस से शिकायत की। शनिवार को शिकायत मिलने के बाद एसपी ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।
शहर कोतवाल एसपी सिंह ने बताया कि केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. आनंद मिश्रा, डॉ. संदीप तिवारी व जिला अस्पताल बाराबंकी के एक अज्ञात चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। मामले में केजीएमयू के दोनों चिकित्सकों से बात करने के लिए प्रयास किया गया, लेकिन दोनों के मोबाइल फोन नहीं उठे।

दो साल पूर्व किडनी चोरी के मामले में लखनऊ मेडिकल कॉलेज के दो सर्जन समेत तीन के खिलाफ दर्ज केस की पुलिस ने विवेचना शुुुरू कर दी है। पूरे प्रकरण पर नामजद किए गए दोनों सर्जनों का कहना है कि इमरजेंसी ऑपरेशन के दौरान किडनी की चोरी होना संभव ही नहीं है।
कोठी थाना क्षेत्र के भवानी गांव निवासी युवक पृथ्वीराज फरवरी 2015 में ट्रैक्टर-ट्रॉली से गिर गया था। जिससे उसकी आंत फट गई थी। ऐसे में जिला अस्पताल से उसे लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया था। जहां ऑपरेशन के बाद वह ठीक होकर घर आ गया। शनिवार को पृथ्वीराज ने एसपी से मिलकर एक शिकायती पत्र दिया।
जिसमें किडनी चोरी किए जाने का आरोप लगाया गया है। उधर, ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक संदीप तिवारी का कहना है कि वर्ष 2015 में ट्रैक्टर से गिरकर घायल युवक जब इमरजेंसी में लाया गया तो उसके पेट की आंत कई जगह से फटी थी।
उसकी आंतें बाहर निकल आई थीं। ऐसे में मेरे जूनियर डॉक्टरों की टीम ने काफी मेहनत कर सफल ऑपरेशन किया। डॉ. तिवारी का कहना है कि किडनी प्रत्यारोपित करने के लिए ब्लड व किडनी की मैचिंग कराई जाती है।
उसके बाद किडनी प्रत्यारोपित की जाती है। इतना ही नहीं इमरजेंसी में ऑपरेशन के समय करीब 15 स्टाफ रहता है। ऐसे में किडनी प्रत्यारोपित किया जाना किसी भी दशा में संभव नहीं है। उसकी जांच कराएंगे तभी सही तथ्य सामने आ पाएंगे।

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