ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ। यूपी में बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई मामले को लेकर इस वक्त सीएम योगी आदित्यनाथ और मीट कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच लखनऊ में एक बैठक खत्म हो गई है। बैठक में राज्य से स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह भी मौजूद हैं।
मीट कारोबारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात का यह है कारण
योगी सरकार द्वारा बूचड़खानों पर कार्रवाई का विरोध करते हुए मीट विक्रेता शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। चिकन विक्रताओं ने अपने शटर बंद कर दिए हैं। बूचड़खाने बंद होने से भैंसे के गोश्त की किल्लत के चलते चिकन और मटन के व्यंजन बेच रहे टुंडे और रहीम जैसे मशहूर नामों सहित मांसाहार बेचने वालों ने भी दुकानें बंद कर दी हैं।
बूचड़खानों पर कार्रवाई से नाराज हैं मीट विक्रेता
वहीं, बिरयानी और सीक कबाब बेचने की जगह मीट विक्रेता दूसरे कारोबार से जुड़ने को मजबूर हैं। मीट कारोबारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस समस्या का हल निकालने की गुहार लगाई है। यूपी की सत्ता संभालने के बाद से योगी ने अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शुरू की है, जिसके चलते मीट कारोबार पर बुरा असर पड़ा है। सूबे में मीट का कारोबार ठप होने से नाराज कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं।
वैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं- यूपी सरकार
सत्ता में आते ही योगी सरकार ने न सिर्फ अवैध बूचड़खानों को बंद करने के आदेश दिए हैं, बल्कि गो तस्करी और गोवध पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदेश की जनता से यह वादा किया था।
मीट कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट
योगी सरकार की ओर से अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई से मीट कारोबार में लगे लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। मीट व्यापारियों का दावा है कि मंडी में अब माल नहीं है। जिन्होंने स्टाक (भंडार) रखा था, उनका माल भी खत्म हो गया है। आसपास के जिलों से माल लेकर कोई ट्रक मंडी नहीं पहुंच रहा है। हमीरपुर, बांदा और बाराबंकी सहित कुछ अन्य जिलों में भी मटन और चिकन की दुकानें बंद हैं।

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