ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
महराजगंज। एनएचएम भर्ती में नियुक्ति के नाम पर खूब खेल किया गया। चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम लिस्ट में सपा नेताओं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के परिजनों का ही चयन हुआ है। बाकी अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में ही छांटकर किनारे कर दिया गया। सबसे अधिक मनमानी एसटीएस की भर्ती में हुई है। सभी सात पदों पर चयन कमेटी ने चहेतों को नियुक्ति कर दिया गया है। यहां तक कि महिला आरक्षण का भी ख्याल नहीं रखा गया। सभी पदों पर पुरुषों का चयन कर दिया गया। सीएमओ कार्यालय से चयन सूची जारी होते ही पूरा खेल सामने आ गया है। संविदा पर 31 अभ्यर्थियों की भर्ती में 11 पर सपा नेताओं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के परिजनों की नियुक्ति कर दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 11 और 13 मई को विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया।
सभी की नियुक्ति संविदा पर की जानी थी। आवेदन की अंतिम तिथि 20 मई निर्धारित थी। शाम पांच बजे तक कुल 1500 आवेदन आए। एक से सात जून तक साक्षात्कार चला। एक और दो जून को लैब टेक्निशियन ब्लड बैंक और आयुष फार्मासिस्ट, तीन को आयुष फार्मासिस्ट, डेटा इंट्री ऑपरेटर ब्लड बैंक और लैब अटेंडेंट ब्लड बैंक के लिए साक्षात्कार हुआ। चार जून को टीबीएचबी क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, पांच को एसटीएस क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, छह को एसटीएलएस क्षय नियंत्रण कार्यक्रम और सात जून को एसटीएस क्षय नियंत्रण कार्यकम के लिए साक्षात्कार पूरा हुआ।
पिछले हफ्ते रिजल्ट घोषित कर नियुक्ति पत्र दे दिया गया। इसमें सपा के एक पूर्व विधायक के पुत्र का आयुष फार्मासिस्ट, दूसरे सपा के नेता का लैब अटेंडेंट, स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी के पुत्र का लैब अटेंडेंट और एसीएमओ के भाई सुरेंद्र कुमार के अलावा कई प्रशासनिक अधिकारियों के सगे संबंधियों का चयन हुआ है। युवा लोक जन शक्ति पार्टी के राष्ट्रीय सचिव संजय मिश्र ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में हुई नियुक्ति में हुई धांधली के जांच कराने की मांग की है।

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