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जहाँ एक ओर अन्य दल जनसभा मात्र से ही अपने चुनावी वर्ष में सक्रिय होने की इतिश्री कर रहे हैं, वही अखिलेश यादव रथयात्रा के पहले चरण में सड़कों पर उतर कर जनता को समाजवादी सरकार बनाने के लिए धन्यवाद देते हुए आगामी चुनाव में भी समर्थन की अपील करने जा रहे हैं। ‘‘विकास से विजय की ओर’’ के माध्यम से जनता के जुड़ाव को और अधिक मजबूत करने के साथ प्रदेश को एक बार फिर से नयी उँचाई पर ले जाने के लिए जनादेश प्राप्त करना भी लक्ष्य है
अखिलेश यादव के विकास रथ में भी देखने को मिल रही है। अत्यधिक आकर्षक और हाईटेक बने इस रथ पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखि लेश की तस्वीर तो है, लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल की तस्वीर नदारद है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तीन नवम्बर से समाजवादी विकास रथ यात्रा पर निकल रहे हैं। इस यात्रा के लिए जो रथ तैयार किया गया है, वह मंगलवार को पहली बार देखने को मिला। इस रथ को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास, पांच, कालिदास मार्ग के बाहर आज खड़ा किया गया।
हाईटेक रथ: इस रथ में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं... मुख्यमंत्री जिस रथ पर सवार होकर तीन नवम्बर से ‘विकास से विजय की ओर रथ यात्रा’ पर निकल रहे हैं, वह बड़ा ही हाईटेक और आकर्षक बना हुआ है। इस रथ में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। टॉयलेट और आराम की भी सुविधा मौजूद है। इस रथ की सबसे चैकाने वाली बात है कि इसमें भी चाचा-भतीजे के बीच चल रही रार साफ झलक रही है। रथ पर मुलायम और अखिलेश की तस्वीर तो दिखाई दे रही है, लेकिन शिवपाल की तस्वीर नहीं है। इसको देखने के बाद राजधानी में एक बार फिर अटकलों का दौर शुरू हो गया है कि अखिलेश और शिवपाल के बीच अभी भी सब सही नहीं है। हांलांकि वे सभी सार्वजनिक रुप से यही दावा कर रहे हैं कि मुलायम परिवार में सबकुछ ठीक है।
इसे हाॅटलाइन और वाई-फाई सुविधाओं से लैश किया गया है.. मुख्यमंत्री की यह रथ यात्रा पहले चरण में राजधानी से निकलकर गोमतीनगर होते हुए उन्नाव जायेगी। रथयात्रा का दूसरा चरण पांच नवम्बर को सपा की रजत जयंती कार्यक्रम के बाद प्रारम्भ होगा। रथ में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री को सरकारी कामकाज निपटाने में कोई दिक्कत न हो। इसके मद्देनजर उसके अंदर सीएम का मिनी ऑफिस भी बनाया गया है। इसे हाॅटलाइन और वाई-फाई सुविधाओं से लैश किया गया है। रथ में हाइड्रोलिक लिफ्ट की भी व्यवस्था है। इस रथ का निर्माण ‘मर्सडीज बेंज’ ने किया है। यात्रा के दौरान रथ पर वीडियो प्रचार भी तैयार किया गया है, जिसके बोल हैं ‘काम बोलता है.....।’ इसे बार-बार दिखाया जाएगा। रथ को पार्टी के झंडे के रंग के हिसाब से बनाया गया है। गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने पिछले विधानसभा चुनाव (वर्ष 2012) में भी रथ यात्रा निकाली थी। उस बार उसका नाम क्रांति रथ था। इस बार उन्होंने ‘विकास से विजय की ओर रथ यात्रा’ नाम दिया है। इस रथ यात्रा के माध्यम से वह अपने सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना चाहते हैं।

ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि 3 नवम्बर 2016 को प्रस्तावित ‘विकास से विजय की ओर’ रथ यात्रा के माध्यम से ऊर्जावान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ से उन्नाव के लिए निकल रहे हैं। लोकतंत्र का इतिहास लिखने के लिए अखिलेश यादव की यह तीसरी बार रथयात्रा होगी।
हजारों किमी की साइकिल यात्रा का रिकार्ड भी उनके नाम दर्ज है। अखिलेश यादव जी पहली बार 2001-2002 में क्रांति रथ यात्रा पर निकले थे। 2011-12 में भी वे क्रान्तिरथ से पूरे प्रदेश में जनसंवाद पर निकले थे जिससे प्रदेश में बहुमत की समाजवादी सरकार बनी। 2016-17 में विकास रथ से फिर अखिलेश यादव लोकतंत्र की आवाज बुलंद करेंगे। यह रथ वास्तव में समाजवादी सिद्धान्तों और विचारों को समर्पित ऐतिहासिक रथ होगा।
रथयात्रा को लेकर आम जनता में उत्साह चरम पर है। नौजवान, किसान, मजदूर और महिलाएं लखनऊ पहुँच रही हैं। बीते साढ़े चार वर्षों में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार ने जिस प्रकार समाज के अंतिम व्यक्ति की आंखों में खुशी और समृद्धि की चमक पहुँचायी है उससे जनता का भरोसा मजबूत हुआ है। समाज के सभी वर्गों के साथ हर क्षेत्र में विकास की सुनिुश्चितता को जिस तेजी से पूरा किया गया वैसा पूरे देश में कहीं और नहीं दिखाई पड़ता। गरीबों मजलूमों के प्रति विशेष ध्यान देने की सोच ही अखिलेश यादव को जनता के नेता के तौर पर स्थापित कर रही है।
समाजवादी नीतियों पर चलते हुए आपसी सद्भाव और सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करने में मौजूदा राजनीति में अखिलेश जी का कोई विकल्प नहीं है। पिछड़ेपन की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश का कायाकल्प करने की दिशा में चार से अधिक वर्ष का कार्यकाल पिछले चालीस वर्ष की तुलना में बहुत आगे निकल गया जिसका प्रभाव अखिलेश जी के प्रति जनता के उत्साह और समर्थन से समझा जा सकता है।
बसों और अन्य अपने साधनो से भी रथयात्रा में शामिल होने वालो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नौजवानों की सक्रियता से कार्यक्रम की सफलता को बल मिल रहा है। अखिलेश यादव जिस क्रान्ति रथ पर सवार होंगे उसमें हाइड्रोलिक लिफ्ट के जरिए वे छत पर पहुँचकर जनता को संबोधित करेंगे। रथ में उनके विश्राम, कांफे्रन्स तथा कार्यालय की भी व्यवस्था है।
अखिलेश यादव के विकास रथ में भी देखने को मिल रही है। अत्यधिक आकर्षक और हाईटेक बने इस रथ पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखि लेश की तस्वीर तो है, लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल की तस्वीर नदारद है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तीन नवम्बर से समाजवादी विकास रथ यात्रा पर निकल रहे हैं। इस यात्रा के लिए जो रथ तैयार किया गया है, वह मंगलवार को पहली बार देखने को मिला। इस रथ को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास, पांच, कालिदास मार्ग के बाहर आज खड़ा किया गया।
हाईटेक रथ: इस रथ में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं... मुख्यमंत्री जिस रथ पर सवार होकर तीन नवम्बर से ‘विकास से विजय की ओर रथ यात्रा’ पर निकल रहे हैं, वह बड़ा ही हाईटेक और आकर्षक बना हुआ है। इस रथ में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। टॉयलेट और आराम की भी सुविधा मौजूद है। इस रथ की सबसे चैकाने वाली बात है कि इसमें भी चाचा-भतीजे के बीच चल रही रार साफ झलक रही है। रथ पर मुलायम और अखिलेश की तस्वीर तो दिखाई दे रही है, लेकिन शिवपाल की तस्वीर नहीं है। इसको देखने के बाद राजधानी में एक बार फिर अटकलों का दौर शुरू हो गया है कि अखिलेश और शिवपाल के बीच अभी भी सब सही नहीं है। हांलांकि वे सभी सार्वजनिक रुप से यही दावा कर रहे हैं कि मुलायम परिवार में सबकुछ ठीक है।
इसे हाॅटलाइन और वाई-फाई सुविधाओं से लैश किया गया है.. मुख्यमंत्री की यह रथ यात्रा पहले चरण में राजधानी से निकलकर गोमतीनगर होते हुए उन्नाव जायेगी। रथयात्रा का दूसरा चरण पांच नवम्बर को सपा की रजत जयंती कार्यक्रम के बाद प्रारम्भ होगा। रथ में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री को सरकारी कामकाज निपटाने में कोई दिक्कत न हो। इसके मद्देनजर उसके अंदर सीएम का मिनी ऑफिस भी बनाया गया है। इसे हाॅटलाइन और वाई-फाई सुविधाओं से लैश किया गया है। रथ में हाइड्रोलिक लिफ्ट की भी व्यवस्था है। इस रथ का निर्माण ‘मर्सडीज बेंज’ ने किया है। यात्रा के दौरान रथ पर वीडियो प्रचार भी तैयार किया गया है, जिसके बोल हैं ‘काम बोलता है.....।’ इसे बार-बार दिखाया जाएगा। रथ को पार्टी के झंडे के रंग के हिसाब से बनाया गया है। गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने पिछले विधानसभा चुनाव (वर्ष 2012) में भी रथ यात्रा निकाली थी। उस बार उसका नाम क्रांति रथ था। इस बार उन्होंने ‘विकास से विजय की ओर रथ यात्रा’ नाम दिया है। इस रथ यात्रा के माध्यम से वह अपने सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना चाहते हैं।
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