टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. बड़ौत तहसील में किसान संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान मेें चल रहे पांच सूत्री मांगों को लेकर शनिवार की सुबह धरने पर बैठे एक किसान की मौत हो गई. किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई. किसान की मौत के बाद से किसानों ने हंगामा कर दिया और प्रदर्शन को तेज कर दिया. किसान मृतक किसान के शव को पेड़ के नीचे बर्फ पर रखकर प्रदर्शन करने लगे. जैसे ही किसान के मरने की जानकारी विपक्षी दलों को हुई, कांग्रेस, आरएलडी, सपा और बसपा के कार्यकर्ता मौेक पर पहुंच गए और किसान के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग करने लगे. उनके बीच एसडीएम पहुंचे और उन्होंने उन्हें 12 लाख का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन किसान नहीं माने. उन्होंने कहा डीएम धरना स्थल पर आए और लिखित में दे तो तभी मानेंगे. धरना स्थल पर एक किसान नेता ने एसडीएम से अभद्रता की तो हंगामा हो गया. बाद मेें लोगों को शांत कर कहा यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन शुरू करेंगे. किसान मोर्चा के बैनर तले किसान पांच सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. उनकी मांग की है कि नलकूप के बिल 100 हार्स पावर के स्थान पर 180 हार्स पावर किए हैं, इससे सरकार वापस ले. हरियाणा की तरह 35 रुपये हार्स पावर की जाए. घरेलू बिल 430 प्रति माह के हिसाब से 840 रुपये कर किए हैं. इस बढ़ोत्तरी को वापस किया जाए, गन्ने का भुगतान कराएं और विद्युत निगम द्वारा किसानों पर केस दर्ज न की जाए, कई बार किसानों की एसडीएम से वार्ता हुई, लेकिन विफल रही. किसान की मौत पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. धरने पर बैठे किसान की मौत की जानकारी मिलते ही रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए. जयंत चौधरी ने इस मामले में ट्वीट कर सरकार का सबक सिखाने की चेतावनी दी है. जिमाना गाँव के श्री उदेवीर, गन्ना बक़ाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानो के साथ पांच दिन से बड़ौत तहसील पर धरने पर थे. आज लड़ते लड़ते उनका धरनास्थल पर निधन हो गया. किसान इस सरकार को सबक़ सिखाएगा.
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