Sunday, August 13, 2017

गोरखपुर : बच्चों की लाशें छिपाकर दूसरे दरवाजे से बाहर भेजा गया : अखिलेश

टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो  
पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में सरकार की लापरवाही से बच्चों की जान गई है। सरकार ने मौत के आंकड़े ही नहीं, घटना को छिपाने की भी कोशिश की। उन्होंने सवाल उठाया कि 9 अगस्त को गोरखपुर में मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में आक्सीजन की कमी का मामला क्यों सामने नहीं आया ?सपा के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से मुखातिब अखिलेश यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की अगुवाई में गोरखपुर भेजी गई सपा की जांच टीम अपनी रिपोर्ट पार्टी और सरकार दोनों को देगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वीकार ही नहीं किया कि आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई हैं। जबकि, हकीकत यह है कि आक्सीजन की कमी से बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत हुई है।च्चों की लाश को छिपाकर, दूसरे दरवाजों से अस्पताल से बाहर भेजा गया। बच्चों के भर्ती होने की जानकारी भी सामने नहीं आएगी क्योंकि एडमिशन कार्डों में हेराफेरी कर दी गई है। आक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को भुगतान नहीं हुआ था। कंपनी ने लिखकर दिया था कि पैसा न मिलने पर सिलेंडर की आपूर्ति नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि प्रचलित बीमारी (कमीशन) के चलते कंपनी को भुगतान में देरी की गई।सपा अध्यक्ष ने कहा कि सीएम ने 9 अगस्त को गोरखपुर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की थी। वह अस्पताल में मास्क लगाकर घूमे। इस बैठक में संबंधित अधिकारियों ने आक्सीजन की कमी की जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी, यह भी धोखाधड़ी है।अखिलेश ने कहा कि हमने जेई के रोगियों के उपचार के लिए 200 बेड का वार्ड बनाया।  500 बेड की अलग विंग बनाई। वहां गोरखपुर ही नहीं, महाराजगंज, सिदार्थनगर, संत कबीर नगर, बस्ती, नेपाल और बिहार तक से मरीज आते हैं। अच्छा होता कि सरकार 500 बेड की विंग के लिए  उपकरण, स्टाफ और दवाइओं का इंतजाम करती ताकि रोगियों का उपचार हो पाता।

गोरखपुर में डाक्टरों, टेक्नीशियनों को एम्स की तरह सुविधाएं देनी चाहिए थीं। हमने केजीएमयू, लोहिया और सैफई में इस तरह की सुविधाएं दी थीं। उन्होंने कहा कि जनता ने सरकार को कामकाज के लिए भेजा है, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नही है।

पीड़ित परिवारों को मिले 20-20 लाख मदद
अखिलेश यादव ने गोरखपुर की घटना पर राजनीति करने के सत्ता पक्ष के आरोप को दुखद बताया। कहा, हमने क्या धरना, प्रदर्शन किया। हमने डेलीगेशन भेजा है। हम पीड़ित परिवारों से बाद में मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी हर घटना में पीड़ितों की मदद करती थी। गरीबों की उम्मीद सरकार से रहती है। सरकार को आक्सीजन की कमी से मरने वालों को 20-20 रुपये की मदद करनी चाहिए। जिन शिक्षा मित्रों की मौत हुई है, उनके परिवारों को 50-50 लाख की मदद की जाए।

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