Monday, February 18, 2019

शौचालय का सच.... बाराबंकी : शौचालय निर्माण में खेल इस प्रधान को नही मिल रहे शौचालय के लिए पात्र।


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बाराबंकी : शौचालय निर्माण और शौचालय के लिए पात्र अपात्र के खेल में सेक्रेटरी और प्रधान तो शामिल ही रहते हैं उस पर से बीडीओ भी शौचालय के निर्माण के खेल में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हर जगह में हर गांव में बहुत से ऐसे अपात्र आते हैं जिनको पात्र बना दिया गया है तो वहीं पात्र को अपात्र बना दिया गया है क्योंकि अपात्र इस काबिल नहीं हो पाता है कि किसी की चरण वंदना कर सके या फिर सुविधा शुल्क दे सके। इसकी वजह से अपात्र पात्र और पात्र अपात्र बन के रह गया है।

 हैदरगढ़ के सतरही गांव में पात्र अपात्र का खेल विधायक द्वारा लगाई चौपाल में सामने आया था जिसमें ग्रामीणों ने प्रधान और सेक्रेटरी को लेकर के इस खेल को उजागर किया था साथ ही इस खेल पर नकेल डालने की बात कही थी लेकिन कोई कार्रवाई ना होने की वजह से हौसले बुलंद रहे जिसका खामियाजा पात्रों को भुगतना पड़ा। बहरामपुर गांव में भवानी भीख पुत्र गुरुदयाल निवासी बहरामपुर , केशव राम पुत्र रामखेलावन, राम बहादुर पुत्र ननकू,रामसुख पुत्र जगजीवन,जगन्नाथ,सत्यनाम, लखन, राजू, केवल रावत, हंसराज, पृथ्वी पाल, लोगों ने बताया कि बहरामपुर में लगभग दस प्रतिशत लोगों के घर में शौचालय है बाकी खुले में शौच जाते हैं। लोगों द्वारा सुविधा शुल्क न देने की वजह से केवल कुछ ही लोगों को शौचालय की धनराशि दी गई है जिससे  सुविधा शुल्क की गुंजाइश थी। बाकी लोगों द्वारा सुविधा शुल्क न देने पर शौचालय नही दिए गए। साथ में जिन लोगों के शौचालय निर्माण की धनराशि दी गयी है वो भी ठेकेदारी प्रथा से निर्माण हो रहे हैं उनमे पीली ईंटो का प्रयोग किया गया है जो कि कोई भी देख के साफ-साफ कह सकता है की कितना घटिया निर्माण है। गड्ढे भी नहीं बनाने की वजह से केवल ₹6000 में शौचालय बनाकर के सरकारी निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है और भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

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